आज इस आर्टिकल में हम आपको रेवाड़ी जिला – Haryana GK Mahendragarh District के बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे है.
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जिला महेंद्रगढ़
- महेन्द्रगढ़ की स्थिति – हरियाणा के दक्षिण – पश्चिम में स्थित है।
- महेन्द्रगढ़ की स्थापाना – 1 नवंबर, 1966 को हुई।
- महेन्द्रगढ़ का मुख्यालय – नारनौल में है।
- महेन्द्रगढ़ का क्षेत्रफल – 1899 वर्ग किलोमीटर है।
- महेन्द्रगढ़ – गुरुग्राम मण्डल में आता है।
- महेन्द्रगढ़ में तहसील – महेंद्रगढ़, नारनौल, नांगल चैधरी, अटेली, कनीना
- महेन्द्रगढ़ में उपतहसील – नारनौल, अटेली, कनीना
- महेन्द्रगढ़ में खंड – नारनौल, नांगल, अटेली, कनीना, सतनाली, निजामपुर
- महेन्द्रगढ़ की कुल जनसंख्या – 9,22,088 (2011) की जनगणना के अनुसार है।
- महेन्द्रगढ़ की साक्षरता दर – 78.9 प्रतिशत (2011) की जनगणना के अनुसार है।
- महेन्द्रगढ़ का लिंग अनुपात – 895/1000 (2011) की जनगणना के अनुसार है।
- महेन्द्रगढ़ का जनसंख्या घनत्व – 486 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर (2011) की जनगणना के अनुसार है।
प्राचीन नाम
- महेन्द्रगढ़ का प्राचीन नाम – कानौड़, खनिजों का शहर, व बावड़ियो का नगर माना जाता है।
- ऐसा माना जाता है कि महेन्द्रगढ़ प्राकृतिक शहर और इसके आसपास के गाँवों का आरंभ अजमेर के शासक और पृथ्वीराज चैहान के काल में हुआ।
- कानोडिया ब्राह्मणों द्वारा आबाद किए जाने के कारण महेन्द्रगढ़ नगर पहले कानोड़ के नाम से जाना जाता था।
- यह भी कहा जाता है कि महेन्द्रगढ़ को बाबर के एक सेवक मलिक महमूद खान ने बसाया था।
- पटियाला के शासक के अपने पुत्र मोहिंदर सिंह के नाम पर इसका नामकरण महेन्द्रगढ़ किया।
- महेन्द्रगढ़ जिला राज्य का एकमात्र ऐसा जिला है जिसका मुख्यालय महेन्द्रगढ़ में न होकर नारनौल में है।
- महेन्द्रगढ़ जिला राज्य का एकमात्र ऐसा जिला है जिसके अंदर कोई राजमार्ग नहीं गुजरता है।
- नारनौल बीरबल नगरी के नाम से प्रसिद्ध है।
- हरियाणा में अरावली का मैदान का सबसे ऊंचा भाग कुलतांजपुर (नारनौल) में है, जो 652 मीटर ऊँची है, जो ढाेसी की पहाड़ी कहलाती है।
- 17वीं शताब्दी में मराठा राजा तात्या टोपे ने यहाँ एक किले का निर्माण करवाया था।
महेन्द्रगढ़ के खनिज
- चूना – स्लेट का पत्थर
- लोहा – क्वाटर्ज
- मार्बल – कांच बालू
- एस्बेस्ट्स – कैल्साइट
- तम्र अयस्क – मैंगनीज
- कायनाइट – वर्मीक्यूलाइट
- महेन्द्रगढ़ में क्वाटर्ज के 1,65,000 टन अनुमानित भंडार है। महेन्द्रगढ़ जिले को हरियाणा की खनिज संपदा का भंडार कहा जाता है। हरियाणा में संगमरमर मुख्यतः महेन्द्रगढ़ जिले में मिलता है।
माधोगढ़ का किला
- यह किला महेन्द्रगढ़ ये 15 किलोमीटर दूर सतनाली सड़क मसर्ग पर अरावली पर्वत श्रृंखला की पहाड़ियों के बीच सबसे ऊँची चोटी पर माधोगढ़ का किला स्थित है। इस किले का निर्माण राजस्थान के सवाई माधोपुर के शासक माधोसिंह ने करवाया था।
मिर्जा अली खाँ की बावड़ी
- यह नारनौल में स्थित है। इस ऐतिहासिक बावड़ी का निर्माण मिर्जा अली खाँ ने करवाया था। किसी समय नारनौल के अंदर 14 बावड़ियाँ थी। इन बावड़ियों का निर्माण मिर्जा अली खान ने ही करवाया था।
- बावड़ियो का शहर – नारनौल
हमजा पीर दरगाह
- यह दरगाह नारनौल से 10 किलोमीटर दूर धरसू गाँव में स्थित है। हमजा पीर का पूरा नाम हजरत शाह कुलमुद्दीन हमजा पीर हुसैन था। इस दरगाह में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। अकबर के समय में नारनौल में टकसाल थी। यहाँ से जलाली सिक्के ढाले जाते थे।
इब्राहिम खान का मकबरा
- यह मकबरा नारनौल में स्थित है। इसका मकबरे का निर्माण प्रसिद्ध सम्राट शेरशाह सूरी ने अपने दादा इब्राहिम खान की याद में करवाया था
राय मुकंद दास का छत्ता
- यह नारनौल में स्थित है, इसका निर्माण शाहजहाँ के शासनकाल में नारनौल के दीवान मुकंद दास ने करवाया था। अकबर के शासन काल में यहाँ बीरबल का आना जाना था। इसलिए स्मारक कसे बीरबल का छत्ता भी कहा जाता है।
शाह विलायत का मकबरा
- यह मकबरा नारनौल में स्थित है। यह इब्राहिम खान के मकबरे के पास स्थित है। यह मकबरा फिरोजशाह तुगलक के काल में बनवाया गया है। इसे तुगलक से लेकर ब्रिटिश काल तक की परंपरागत वास्तुकला से सजाया गया है।
शाह कुली खान का मकबरा
- यह मकबरा नारनौल में स्थित है। आईन-ए-अकबरी और लतीफा की यात्रा के व्याख्यान से पता चलता है कि शाह कुली खान ने इस मकबरे का निर्माण करवाया। उसने अपने लिए यहां एक सुंदर बगीचा बनवाया जिसका नाम आराम-ए-कोसर रखा जिसके वास्तु शास्त्र में पठान शैली का प्रयोग किया गया है।
ढोसी तीर्थ
- यह तीर्थ कुलताजपुर गाँव में स्थित है। महेन्द्रगढ़ व राजस्थान की सीमा पर स्थित इस पहाड़ी पर च्यवन ऋषि तपस्या किया करते थे। इस पहाड़ी पर च्यवन ऋषि की स्मृति में एक मंदिर बना हुआ है। सोमवती अमावस्या को च्यवन ऋषि की स्मृति में मेला लगता है। भागवत के अनुसार इस तीर्थ का संबंध द्वापर युग से है।
पीर मंदिर
- बाघोत (महेन्द्रगढ़) यह मंदिर कनीना दादरी मार्ग पर बाघोत गाँव में स्थित है। इस मंदिर कस निर्माण इक्ष्वाकु वंश के राजा दिलीप सिंह ने करवाया था। इस मंदिर को बाघेश्वर नाम से जाना जाता था। कालांतर में बाघेश्वर ये यह बाघोत हो गया।
- चामुंडा देवी मंदिर – नारनौल
चोर गुंबद
- यह नारनौल में स्थित है। इसे नारनौल के साइन बोर्ड के नाम से भी जाना जाता है। पुराने समय में यहाँ चार डाकू छुपा करते थे, इसलिए चोर गुम्बद कहा जाने लगा।
- गुरुद्वारा दशमेश – नारनौल, गुरुद्वारा श्री गुरुसिंह समा – नारनौल
प्रसिद्ध व्यक्ति
- बाबा रामदेव – योग गुरु बाबा रामदेव का जन्म गांव अली सैयदपुर (महेंन्द्रगढ़) में हुआ।
- सतीश कौशिक – महेंन्द्रगढ
शहीद स्मारक
- यह नसीबपुर (नारनौल) में 1857 के क्रांतिकारियों का शहीदी स्मारक स्थित है। नसीबपुर में 1857 में राव तुलाराम अंग्रेजो से भिडे़ थे।
केंद्रीय विश्वविद्यालय
- यह जाटपाली (महेंन्द्रगढ़) में स्थित है। यह हरियाणा का पहला और एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय है।
अन्य
- महेंन्द्रगढ़ – लाख की चूडियों के लिए मशहूर है।
- ऋषि-मुनियों ये संबंधित स्थल
- पिप्पलाद – बाघोत – महेंन्द्रगढ़, च्यवन – ढोसी – महेंन्द्रगढ़, उद्दलक – स्याणा – महेंन्द्रगढ़
- प्राचीन अर्जुन गणराज्य की राजधानी महेंन्द्रगढ़ थी।
- महेंन्द्रगढ़ हरियाणा राज्य की खनिजों की नगरी कहलाता है।
- चन्द्रकूप तालाब हरियाणा के महेंन्द्रगढ़ जिले में है।
- नारनौल में उत्तर भारत का सबसे बड़ा लाॅजिस्टिक पार्क स्थित है।
- औद्योगिक रूप से राज्य का सबसे पिछड़ा हुआ जिला महेंद्रगढ़ है।
अटेली
- इस क्षेत्र के कुण्ड में स्लेट पत्थर की प्रचुरता के कारण यहाँ स्लेट उद्योग विकसित है अर्थात यहाँ प्रचुर मात्रा में स्लेट पत्थर पाए जाते है। यह वर्तमान में तहसील हैं
नारनौल
- मुग़ल सम्राट बाबर ने भी अपनी पुस्तक तुजके बाबरी में नारनौल को एक लाख की आबादी और बावन बाजारों का नगर बताया हैं, अंग्रेज इतिहासकार विन्सेंट स्मिथ ने नारनौल को शेरशाह सूरी की जन्मभूमि कहा हैं अकबर ने यहाँ सिक्के ढालने की टकसाला की स्थापना की थी। यह वर्तमान में तहसील हैं।
कनीना
- इसे 13वीं सदी में अजमेंर क्षेत्र से आए कनीन गोत्रिय अहिर कान्हाराम उर्फ काहन सिंह ने बसाया था, उसी के गोत्र के नाम के कारण यहाँ का नाम कनीना पडा। यह वर्तमान में उपमंडल हैं
इतिहास
- कानौड़िया ब्राहम्णों द्वारा आबाद किए जाने कि वजह से महेंन्द्रगढ शहर पहले कानौड के नाम से जाना जाता था। कहा जाता है कि बाबर के एक सेवक मलिक महदूद खान ने बसाया था। सत्रहवीं शताब्दी में मराठा शासक तांत्या टोपे ने यहा एक किले का निर्माण करवाया था। 1861 में पटियाला रियासत के शासक महाराज नरेन्द्र सिहं ने अपने पुत्र मोहिन्द्र सिहं के सम्मान में इस किले का नाम महेन्द्रगढ रख दिया था। इसी किले के नाम कि वजह से इस नगर को महेन्द्रगढ के नाम से जाना जाने लगा और नारनौल निजामत का नाम बदल कर महेन्द्रगढ निजामत रख दिया गया।
- सन् 1948 में पेप्सु के गठन के दौरान पटियाला राज्य से महेन्द्रगढ़ क्षेत्र, जींद से दादरी क्षेत्र (जो अब चरखी दादरी) और नाभा राज्य से बावल क्षेत्र को मिलाकर महेन्द्रगढ़ जिले का गठन हुआ, जिसका मुख्यालय नारनौल बना। उस समय जिले में तीन तहसील नारनौल, बावल, चरखी दादरी व महेन्द्रगढ़ उप तहसील थी। 1949 में महेन्द्रगढ़ उप तहसी को तहसील में परिवर्तित कर दिया गया। 1950 में बावल तहसील को तोडकर 78 गांवो को गुरूग्राम जिले में स्थानान्तरित कर दिए गये, बावल को उप तहसील बना दिया गया और बाकी बचे गांवो को नारनौल व महेन्द्रगढ़ में शामिल कर लिया गया।
- सन् 1956 में रेवाडी तहसील (61 गांवो को छोडकर) को गुडगांव जिले से हटा दिया गया और महेन्द्रगढ़ में शामिल कर लिया गया। चरखी दादरी उप मण्डल को महेन्द्रगढ़ हटा कर सन् 1977 में नव निर्मित भिवानी जिले में शामिल कर लिया गया। 1977 में रेवाडी तहसील के 81 गांवो से बावल तहसील का निर्माण हुआ। 1978 में जिले में 4 तहसील (महेन्द्रगढ़, रेवाडी, नारनौल और बावल थी)।
- रेवाडी और बावल तहसील (महेन्द्रगढ़ जिले से लेकर) और कोसली तहसील, 10 गांवो को छोडकर (रोहतक जिले से लेकर) एक नये जिले रेवाडी का 1 नवम्बर 1989 को गठन हुआ। वर्तमान में महेन्द्रगढ़ जिले में तीन उप मण्ड़ल (नारनौल, महेन्द्रगढ़ और कनीना) और 5 तहसील (नारनौल, महेन्द्रगढ़, नांगल चौधरी, अटेली तथा कनीना) और एक उप तहसील (सतनाली) है।
महेन्द्रगढ़ जिले से जुड़े सवाल और जवाब
Q. महेन्द्रगढ़ किस भाग में स्थित है?
Ans. हरियाणा के दक्षिण-पश्चिमी भाग में स्थित है. इसके पूर्व में रेवाड़ी उतर में भिवानी, दक्षिण एवं पश्चिम में राजस्थान राज्य स्थित है.
Q. महेन्द्रगढ़ की स्थापना कब की गई थी?
Ans. 01 नवम्बर, 1966
Q. महेन्द्रगढ़ का क्षेत्रफल कितना है?
Ans. 1,899 वर्ग किमी.
Q. महेन्द्रगढ़ का मुख्यालय कहाँ है?
Ans. नारनौल
Q. महेन्द्रगढ़ का उपमंडल कहाँ है?
Ans. महेन्द्रगढ़, नारनौल, कनीना
Q. महेन्द्रगढ़ की तहसील कहाँ है?
Ans. महेन्द्रगढ़, नारनौल, नांगल चौधरी, अटेली, कनीना
Q. महेंन्द्र्गढ़ की उप-तहसील कहाँ है?
Ans. सतनाली
Q. महेन्द्रगढ़ का खण्ड कौन-सा है?
Ans. अटेली नांगल, कनीना, महेन्द्रगढ़, नांगल चौधरी, नारनौल, निजामपुर, सतनाली
Q. महेन्द्रगढ़ की नदियाँ कौन-सी है?
Ans. दोहना
Q. महेन्द्रगढ़ की प्रमुख फसल कौन-सी है?
Ans. चावल
Q. महेन्द्रगढ़ की अन्य फसलें कौन-कौन सी है?
Ans. कपास, जौ, गन्ना,तिलहन व दालें
Q. महेन्द्रगढ़ के खनिज पदार्थ कौन-कौन से है?
Ans. स्लेट, लौह-अयस्क, एस्बेसट्स, संगमरमर, चूना पत्थर
Q. महेन्द्रगढ़ के प्रमुख रेलवे स्टेशन कौन-से है?
Ans. महेन्द्रगढ़ व नारनौल
Q. महेन्द्रगढ़ की जनसंख्या कितनी है?
Ans. 9,22,088 (2011 के अनुसार)
Q. महेन्द्रगढ़ में पुरुष कितने है?
Ans. 4,86,665 (2011 के अनुसार)
Q. महेन्द्रगढ़ में महिलाएँ कितनी है?
Ans. 4,35,423 (2011 के अनुसार)
Q. महेंद्रगढ़ का जनसंख्या घनत्व कितना है?
Ans. 486 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी.
Q. महेन्द्रगढ़ का लिंगानुपात कितना है?
Ans. 895 महिलाएँ (1,000 पुरुषों पर)
Q. महेन्द्रगढ़ का साक्षरता दर कितना है?
Ans. 77.72 प्रतिशत
Q. महेन्द्रगढ़ का पुरुष साक्षरता दर कितना है?
Ans. 89.72 प्रतिशत
Q. महेन्द्रगढ़ का महिला साक्षरता दर कितना है?
Ans. 64.57 प्रतिशत
Q. महेन्द्रगढ़ का प्रमुख नगर कौन-सा है?
Ans. नारनौल, महेन्द्रगढ़, कनीना, अटेली, नांगल चौधरी
Q. महेन्द्रगढ़ पर्यटन स्थल कौन- सा है?
Ans. ढौसी तीर्थस्थल, माधोवाला मन्दिर, भगवान शिव मंदिर, चौमुंडा देवी मन्दिर, (सभी नारनौल में), दरगाह हमजापीर
Q. महेन्द्रगढ़ में विशेष क्या है?
Ans. यह सीमेंट उघोग के लिए प्रसिद्ध है, केन्द्रीय विश्वविधालय जाट पाली.
आज इस आर्टिकल में हमने आपको महेंद्रगढ़ जिला – Haryana GK Mahendragarh District के बारे में बताया है, अगर आपको इससे जुडी कोई अन्य जानकारी चाहिए तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करें.
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